तुरन्त इलाज का महत्व (Importance of early treatment)
रक्ताघात के तुरन्त बाद का समय इलाज की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण होता है। रक्ताघात में ऑक्सीजन की कमी से प्रभावित सारी कोशिकायें तुरन्त नहीं मरती। शुरू में सिर्फ गलितांश के केन्द्र में स्थित कोशिकायें मरती हैं। कोशिकायें जो कि “कोर” भाग के चारों ओर हैं वे सुस्त पड़ जाती हैं और लगता है कि मर गयीं लेकिन क्षतिग्रस्त व घायल होने के बाद भी वे करीब बीस मिनट तक काम कर सकती हैं। अगर करीब छः से आठ घण्टों में धमनी में रक्त का प्रवाह खुल जाए तो इन कोशिकाओं को मरने से बचाया जा सकता है। इसलिए रक्ताघात के तुरन्त बाद का समय इलाज तथा आरोग्यता के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है क्योंकि इस अवधि में धमनी में रक्त प्रवाह को पुनः चालू करके शारीरिक तथा भाषा सम्बंधी हानि को काफी कम किया जा सकता है।
इसीलिए यह जरूरी है कि रक्ताघात के रोगी को जितनी भी जल्दी सम्भव हो अस्पताल ले जाना चाहिए। इससे रोगी उपलब्ध विशेष इलाज का फायदा उठा पाता है। यह विशेष इलाज रक्ताघात की स्थिति को सिर्फ और खराब होने से ही नहीं रोकता, बल्कि रोगी की शारीरिक तथा भाषाई क्षमता को भी अच्छा बनाने में सहायता करता है।

