What Should the Family Avoid Doing?
रक्ताघात पीड़ित के परिवारीजन को क्या-क्या नहीं करनी चाहिये?
- रोगी के प्रति दया की भावना या सहानुभूति न दिखायें क्योंकि इससे उसके आत्मविश्वास पर गलत प्रभाव पड़ता है।
- जब तक रोगी न कहे या जरूरी न हो तब तक उसकी तरफ से या उसके लिये न बोलें।
- रोगी यदि आपकी बात का तुरन्त जवाब न दे पाये तो उसको मदद के लिये तुरन्त शब्द न सुझायें। रोगी की बोलने में तभी सहायता करें जब वह या तो सहायता माँगे या बहुत परेशानी महसूस करे।
- रोगी से ऐसा काम करने को न कहें जो उसके लिये सम्भव न हो।
- रोगी पर इस बात का दबाव न डालें कि वह सही शब्द या वाक्य ही बोले।
- रोगी को कभी भी हतोत्साहित न करें; चाहे वह कैसे भी बोल रहा हो और किसी भी तरह (लिख कर, इशारों से या बोल कर) अपने विचारों को व्यक्त करना चाहता हो।
- रोगी को कभी भी पूरी तरह स्वस्थ होने की झूठी आशा न दिलाएँ।
- रोगी को अपने परिवार और मित्रों से दूर न रखें।
- रोगी को रोने से न रोकें। रोना अभिव्यक्ति की एक स्वाभाविक क्रिया है इस से रोगी का दिल हल्का हो सकता है।
- अन्य लोगों से बात करते समय रोगी की उपेक्षा न करें।

